कानपुर। बार एसोसिएशन के चुनाव में हुए बम्पर मतदान से प्रत्यासियों की धड़कने बढ़ा दी हैं। प्रत्यासियों का भाग्य मतपेटियों में बंद हो चुका है। लेकिन परिणाम आने तक सभी जीत का गणित लगाकर सम्भावनाओं को तलाशने में लगे हुए हैं। ज्यादा मतदान होने से सम्भावना है कि कार्यकारिणी सदस्यों के नामों की घोषणा सोमवार को हो।
कानपुर बार एसोसिएशन का चुनाव गुरुवार को खत्म हो गया। 5586 मतदाताओं में से 4516 अधिवक्ताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। एसोसिएशन के चुनाव में ज्यादातर 70 से 75 प्रतिशत के बीच मतदान होता है, लेकिन इस बार यह आकड़ा लगभग 81 प्रतिशत पहुंच गया। हर प्रत्याशी ज्यादा मतदान को अपने पक्ष में बता रहा है। फिलहाल 21 पदों पर 89 प्रत्यासियों का भाग्य मत पेटियों में बंद हो चुका है।
इनमें से अध्यक्ष व महामंत्री पद के लिए परिणाम शुक्रवार को पहले दिन की मतगणना के बाद ही आ जाएंगे। इसके बाद उपाध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकारियों के लिए मतगणना होगी। बार एसोसिएशन के सभी पदाधिकारियों के नाम शनिवार को घोषित हो जाएंगे। छह छह वरिष्ठ व कनिष्ठ कार्यकारिणी सदस्यों भी निर्वाचित किए जाने हैं। उम्मीद यह है कि इनके नाम सोमवार तक सामने आ पायेंगे। इसकी एक वजह अधिक मतदान होना भी है।
कड़ी धूप में जमकर हुआ मतदान
धूप एक पल के लिए भी खुले में खड़े रहने की इजाजत नहीं दे रही थी। लेकिन सूरज की यह दबंगई वकीलों के आगे नहीं चल सकी। सुबह आठ बजे से पांच बजे तक लगातार वोट देने वाले अधिवक्ताओं की भीड़ लगी रही। एक बजे से 1.30 बजे तक लंच जैसे ही खत्म हुआ। पांच मिनट के अंदर मतदाताओं से मतदान स्थल भर गया। जबकि लंच शुरु होने से पहले अंदर पहुंच चुके मतदाता भी लंच खत्म होने तक बाहर निकलते रहे।
आरएएफ के हवाले रहा चुनाव
बार एसोसिएशन का चुनाव छुटपुट विवाद के साथ सम्पन्न हो गया। कुछ दिनों पूर्व सुतली बम फटने से सुरक्षा के इंतजाम पहले से अधिक किए गये थे। मतदान के लिए प्रवेश व निकलने के रास्ते पर रैपिड एक्शन टीम को तैनात किया गया था। मतदान स्थल के अंदर भी आरएएफ की मौजूदगी थी। ताकि यदि अंदर कुछ बवाल होता है, तो उसपर भी नियंत्रण किया जा सके।
बार एसोसिएशन का चुनाव छुटपुट विवाद के साथ सम्पन्न हो गया। कुछ दिनों पूर्व सुतली बम फटने से सुरक्षा के इंतजाम पहले से अधिक किए गये थे। मतदान के लिए प्रवेश व निकलने के रास्ते पर रैपिड एक्शन टीम को तैनात किया गया था। मतदान स्थल के अंदर भी आरएएफ की मौजूदगी थी। ताकि यदि अंदर कुछ बवाल होता है, तो उसपर भी नियंत्रण किया जा सके।
बिना परिचय पत्र लिए पहुंचे कई मतदाता
मतदान के लिए सभी अधिवक्ताओं को बार एसोसिएशन का परिचय पत्र लेकर आना अनिवार्य था। इसके बाद भी कई मतदाता परिचय पत्र लेकर नहीं आए, कुछ फोटोकाॅपी के आधार पर वोट डालने की जिद कर रहे थे। इसलिए चुनावकर्मी बार-बार माइक से परिचय पत्र की मूल प्रति लाने की सूचना दे रहे थे।
मतदान के लिए सभी अधिवक्ताओं को बार एसोसिएशन का परिचय पत्र लेकर आना अनिवार्य था। इसके बाद भी कई मतदाता परिचय पत्र लेकर नहीं आए, कुछ फोटोकाॅपी के आधार पर वोट डालने की जिद कर रहे थे। इसलिए चुनावकर्मी बार-बार माइक से परिचय पत्र की मूल प्रति लाने की सूचना दे रहे थे।
कानपुर। वोटरों को अपने-अपने प्रत्याशी के पक्ष में वोटिंग को लेकर दो महामंत्री पद के प्रत्याशियों के समर्थक आमने-सामने आ गए। एक-दूसरों पर धक्का दिए जाने के बाद मामला मारपीट तक जा पहुंचा। बवाल बढ़ने से पहले आपस में भिड़े अधिवक्ता समर्थकों को लाठी पटक कर खदेड़ दिया। तब कहीं जाकर मामला शांत हुआ।सुबह आठ बजे से बार चुनाव को लेकर वोटिंग शुरू हुई। चुनाव मैदान में उतरे महामंत्री पद के उम्मीदवार योगंेद्र अवस्थी लल्लन व संजीव सिंह के समर्थक वोटरों से अपने-अपने प्रत्याशी के पक्ष में वोटिंग की मांग कर रहे। इस दौरान दोनों उम्मीदवारों के समर्थकों में धक्का-मुक्की को लेकर विवाद होने लगा। पलक झपकते ही समर्थकों में मारपीट होने लगी।मारपीट में दोनों ओर लातघूसे चलने लगे। मौके पर तैनात पुलिस फोर्स ने झगड़ा कर रहे समर्थकों को लाठी पटक कर खदेड़ना शुरू कर दिया। आरोप है कि इस बीच एक अधिवक्ता के सिर पर पुलिस की लाठी लगने से सिर फट गया। जैसे चोटिल अवस्था में उपचार के लिए उर्सला ले जाया गया। मामले को लेकर एडीएम सिटी अविनाश सिंह का कहना है कि विवाद होने से पहले ही शांत करा दिया गया था। लाठी लगने से समर्थक को चोट लगने की बात से उन्हांेने इंकार किया। वहीं अधिवक्ताओं ने पुलिस लाठीचार्ज के खिलाफ मतदान के बाद बैठक कर आंदोलन करने की बात कहीं जा रही है।
नहीं आए बंदीबार एसोसिएशन चुनाव के मद्देनजर जिला कारागार से बंदियों को कोर्ट नहीं लाया गया। जेल अधीक्षक विजय विक्रम सिंह ने बताया कि बंदियों को जिला कारागार में ही तारीख दी गई।
प्रचार सामग्री से पटी सड़कप्रत्याशी व उनके समर्थकों ने मतदाताओं को लुभाने के लिए हर तरह की प्रचार सामग्री का इस्तेमाल किया। हैंडबिल, पोस्टर, बैनर, स्टीकर से हडर्ड चौराहा से रागेंद्र स्वरूप आडीटोरियम चौराहा तक सड़क को पाट दिया गया। सड़क पर भी पोस्टर और स्टीकर चिपकाए गए थे। हवा में विजिटिंग उड़ाए गए जिन्हें कूड़ा बीनने वाले बच्चे, महिलाएं और पुरुष ठेला गाड़ियों से लेकर गए।